आपके हर त्याग को मिलेगा न्याय

आपके हर त्याग को मिलेगा न्याय


मित्र राम और श्याम की कहानी एक दिन दोनों मंदिर की सीढ़ी पर बैठकर कुछ गपशप कर रहे थे इतने में ही तीसरा व्यक्ति महेश आता है उन दोनों के साथ ज्वाइन हो जाता है तीनों आपस में बातें करने लगते हैं और बात करते-करते पता नहीं कब शाम हो जाती है तब महेश कहता है कि मुझे भूख लगी है तब राम कहता है कि मेरे पास तीन रोटिया है और शयाम कहता है कि मेरे पास 5 रोटियां है चलो सब मिलकर खा लेते हैं|

तब राम को विचार आता है कि 3 लोग 8 रोटियों को मिलकर कैसे खाएंगे तब राम ने एक सलाह दी कि सारी रोटियों के तीन तीन टुकड़े करते हैं जिससे वह 24 टुकड़े हो जाएंगे और 24 टुकड़ों को 8,8 करके आसानी से तीनों में बांट सकेंगे सबको राम की सलाह बहुत पसंद आई और ऐसा ही किया गया और उसके बाद तीनों मंदिर की सीढ़ियों पर सो गए जब सुबह हुई तो महेश उनसे अलविदा कह कर जाने लगा तब महेश ने शुक्रिया अदा करके कहा तुम दोनों ने मुझे 8,8 रोटी के टुकड़े खाने को दिए जिससे मेरी भूख मिट गई इसके बदले में तुम्हें यह 8 सोने की गिररीया देना चाहता हूं |

दोनों बहुत खुश हुए और दोनों ने 8,8 गिररीया ले ली तब राम कहता है कि चलो 4,4 दोनों आपस में बांट लेते हैं तब शयाम कहता है कि मेरी पास आठ 8 रोटियां थी और तुम्हारे पास तीन रोटी थी इसलिए मुझे पांच गिरीयां मिलनी चाहिए और तुम्हें तीन गिर्या मिलनी चाहिए अब दोनों के बीच में बहस शुरू हो गई अब बहस बड़ने लग गई तो वह दोनों मंदिर के पुजारी के पास पहुंचे और पुजारी से कहा कि अब आप ही हमारा न्याय कीजिए कि किसे कितनी गिरनीया मिलनी चाहिए तब पुजारी जी को श्याम की बातें सही लग रही थी 8और 3 गिरनीयों की लेकिन फिर भी पुजारी थोड़ा कंफ्यूज था |

अब पुजारी जी ने उनसे कहा कि तुम दोनों यह गिरनिया मेरे पास छोड़ जाओ सुबह इनका न्याय करते हैं अब पुजारी जी अपने घर गए और रात को उन्हें प्रभु का सपना आया और सपने में प्रभु आए तो पुजारी ने उन्हें पूरा घटनाक्रम बताया प्रभु को । तब प्रभु ने कहा कि श्याम को मिलनी चाहिए 8 गिरनिया और राम को मिलनी चाहिए एक गिरनी तब पुजारी अचंभित हो चुका था और प्रभु से कहता है ऐसा कैसे प्रभु तब प्रभु ने पुजारी को समझाया कि श्याम के पास थी 5 रोटियां जिसके उसने करें तीन तीन टुकड़े तो 15 टुकड़े हुए हैं और राम के पास थी तीन रोटियां जिसके तीन तीन टुकड़े करने पर हुए 9 टुकड़े अब उन टुकड़ों में से राम ने सिर्फ एक ही टुकड़े का हिस्सा दिया |

खुद के लिए 7 टुकड़े रखें और फिर वही श्याम ने उन 15 टुकड़ों में से 8 टुकड़े खुद के लिए रखे और साथ टुकड़े महेश को दिए इसलिए श्याम का दान काफी बड़ा है इसलिए शाम को मिलनी चाहिए 7 गिरनिया और राम को मिलने चाहिए एक गिरनी यही मेरा तर्क है और यही मेरा न्याय है पुजारी धन्य हो गया प्रभु की बात सुनकर और सोचने लगा कि मैं तो ऐसा न्याय कर ही नहीं सकता था ऐसे न्याय के बारे में सोच भी नहीं सकता था और इसी न्याय के हिसाब से पुजारी ने दोनों में गिरनिया बाट दी।

कही बार आप और हम अपने गुणों का बड़ा-बड़ा बखान करते हैं कि हमने यह किया हमने वह किया लेकिन बदले में हमें इतना कम क्यों मिला ईश्वर ने हमारे साथ न्याय नहीं किया भगवान इस दृष्टिकोण से न्याय करते हैं कि आपकी और हमारी सोच से बिल्कुल परे हैं इसीलिए निश्चित रहे और सतर्क रहें कि ईश्वर का न्याय बिल्कुल तर्कसंगत रहता है न कम न ज्यादा और आपको जो कुछ भी मिल रहा है वह आपके त्याग को देखकर नहीं मिल रहा है बल्कि आपकी शक्ति और सारे समर्पण और तोलमोल सबको मिलाकर मिल रहा है इसलिए निश्चित रहेगा आपके साथ जो भी हो रहा है बिल्कुल सही हो रहा है

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *