Motivation Story In Hindi
आपके यकीन मैं ही वो ताक़त हैं जो नामुमकिन को मुमकिन मैं बदल सकता है
आइये हम आपको एक स्टोरी के माध्यम से समजाते है
वो कहते है ना की भगवान के यहां देर है अंधेर नहीं | दिल्ली के रहने वाले डॉक्टर मनीष एक बहुत ही नेक दिल डॉक्टर थे ज़ो एक कैंसर विसेसज्ञ थे बहुत ही जानें माने उन्हें लखनउ मे एक लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड मिलने वाला था उस अवॉर्ड के लिये वो हि नहीं पुरा लखनउ सहर उत्साहित था उनके उस अवॉर्ड के लिये क्योंकि ज़ो कि वो एक ना सिर्फ़ डॉक्टर ही नहीं थे वो एक नेक दिल इंसान थे जिन्होने एक डॉक्टर होने का धर्म निभाया था ओर ना जाने कितने लोगों की जान बचाई थी उनकी इसी खासियत कि वज़ह से उन्हें ये एवार्ड मिलने जा रहा था
डॉक्टर मनीष लखनउ जानें के लिये निकले और अचनक उनकी फ़्लाईट किसी टेक्निकल खराबी के कारण उनकी फ्लाइट कैन्सल हो गयी ओर किस्मत देखिय कोइ Next फ़्लाईट भी नही थी ओर सुबह का समय था और औऱ अवॉर्ड। मिलने का Function भी शाम का था और उन्होंने सोचा कि दिल्ली से लखनऊ जाने का रास्ता भी 6 से 7 घण्टे का है तो उन्होंने सोचा की में बॉयपास से चला जाता हु और उन्होंने एक Taxi रोकी और Taxi से वो दिल्ली से लखनऊ पोचे ओर आधे रास्ते तक तो पहुंच गये पर आगे जाकर ड्रावर बोलता है की आगे बहुत जाम लगा है |
ड्राईवर कहता है कि अगर हम ऐसे ही इन्तजार करतें रहेंगे तो हम रात तक पहुँचेगे तो ड्रावर बोलता है कि इधर उधर से बाइपास के रास्तों से चलते है पहले तो डाक्टर साहब मना कर देते है फिर डॉक्टर साहब ने देखा कि 10- 15 मिनीट से कोइ गाडी हटी ही नहीं फ़िर उन्होंने ड्रावर से बोला से की भाई ले लो गाडी साईट के रास्ते से ड्रावर गाड़ी पल्टाता है ओर उसने फिर एक Left टर्न लिया ओर टर्न लेके वो अन्दर गलियों में निकला और उबडखाबड रास्तो में जैसे तैसे वो निकल तो गया पर बाहर जाने का रास्ता ही नहीं मिला वो डॉक्टर साहब से कहता है कि कोइ रास्ता समझ ही नही आ रहा क्या करूँ |
डॉक्टर साहब ने कहा वो देखो सामने एक जो जोपड़ी दिखरी है वहा चलते हे वहा गए ओर गाडी रोकी और आवाज़ लगाई की कोई है तो अंदर से एक बुढ़िया निकली ओर ड्रावर ने कहा माजी हम रास्ता भटक गये है क्या आप बता सकते है कि लखनउ जाने का रास्ता कहा से जायगा क्या आप हमारी मदद करेंगी बुढ़िया ने कहा बेटा अंदर तो आओ पहले पानी पी लो माजी अंदर जाके बड़े ही मधुर भाव से वो पानी और गुड़ दोनो लेके आयी डॉक्टर साहब बडे ही प्रभावित हुये कहा माजी आप अकेली ही यहां रहती है क्या माजी ने कहा नही बेटा मेरा पोता भी मेरे साथ ही रहता है |
इसके माता पिता भी बचपन मे ही इसको छोड़ के चल गए थे जब से इसकी देखभाल कर रही हु और ये भी बिस्तर पर ही पड़ा है ओर ये भी मुझे कभी छोड़ के चल जायेगा ओर यह कहते कहतें उनका गला भर आया और वह रोने जैसी हो गयी और डॉक्टर साहब को यह सुन कर बहूत बुरा लगा फिर डॉक्टर साब ने पूछा क्या हुआ है इसको तो माजी ने कहा ये बहूत टाइम से कैंसर से पीड़ित हैं और सब दूर गयी सब डॉक्टर ने हाथ खड़े कर दिये |
सबने कहा इसका इलाज दिल्ली के डॉक्टर मनीष ही कर सकते है में वहा जाके सब दुर चक्कर काट के आ गई पर कोई डॉक्टर नहीं मिले । बेटा अब तो मैने सब कृष्ण पर छोड़ दिया है अगर मेने सच्चे मन से इसकी सेहत चाही होगी तो एक दिन भगवान जरूर मदद करेंगे हमारी ।
ये सब सुनकर डॉक्टर मनीष के होश उड़ गए और रौंगटे खड़े हो गये ओर उन्होंने सुबह से लेके शाम तक का घटना क्रम देखा तो उन्हें समझ आया कि सुबह से जो हो रहा था वो एक्चुअली इस बुढ़िया का यकीन था जो हकीकत में बदल रहा था । एक आश्चर्य अपनी आँखों मे लिये हुये डॉक्टर मनीष रूँधे दिल से कहा माजी में ही दिल्ली वाला डॉक्टर मनीष हु मुजे ही आपके क्रिसना ने भेजा है आपके पास।
अब आप चिंता मत करो इसका इलाज आज से नही बल्कि अभी से करता हु । डॉक्टर ने ड्रावर से कहा चलो ड्रावर दिल्ली वापस चलते है लेकिन ड्रावर कहता है की डॉक्टर साहब आपका अवॉर्ड मिलने वाला है लखनउ में ।तब डॉक्टर साहब ने कहा |
एक लाइफ टाइम अचीवमेंट Award किसी की लाइफ से बड़ा नही हो सकता ओर उस बच्चे का इलाज शुरू हो गया बहुत सारे लोगो की नजर में डॉक्टर मनीष प्रैक्टिकल नही रहे होंगे क्योंकि उन्होंने उनका इतना क़ीमती आवर्ड छोड़ दिया जौ उनकी ज़िंदगी भर की मेहनत के सम्मान के लिए मिलने वाला था |
लेकिन डॉक्टर मनीष जानते है कि ऐसे लोगो की मदद कर के इससे भी बड़ा अवार्ड मिलता है वो कहते हे की भगवान के यहां देर है अनेधर नही –
वो बात आज सही हो गयी इसलिए उस बूढ़ी माजी की तरह आप भी जो भी सच्चें मन से भगवान से प्राथना करते हैऔर जो भी पाना चाहते है वो भगवान एक न एक दिन जरूर देते है ओर हमे प्रयास करते रहना चाहिए ओर मन मे विस्वास रख के कर्म करते रहना चाहिए लेकिन फल कब मिलेगा यह भगवान पर छोड़ देना चाहिए ओर आपकी मेहनत और आपके कर्म आपको एक दिन जरूर सफलता दिलाते है ओऱ इस तरह सच्चे मन से की गई प्राथना नामुमकिन को भी मुमकीन बना देती है | Thanks For Read to End – Share & Comment