केसरिया कपड़े क्यों पहनते है साधू संत

केसरिया कपड़े क्यों पहनते है साधू संत

हमारे धर्म में साधुओ को ईश्वर की प्राप्ति का माध्यम समझा जाता है | आपने हिन्दू सनातन धर्म (Hindu Religion) में साधू संतो को केसरिया , नारंगी या गेरुए रंग के कपड़े पहने हुए देखा होगा | क्या आपने कभी विचार किया है की इसी रंग के कपड़े क्यों पहनते है साधू संत |

साधु संत हमेशा केसरी और पीले कपडे ही क्यों पहनते है जिसे हम इंग्लिश में सेफ्रोन कहते है सेफ्रोन को येलो विश कलर भी बोलै जाता है

“#भगवा 🚩🚩को मिटाने का सपना देखने वालों
अगर #भगवा🚩🚩 मिटाने की औकात है
तो पहले #सूरज🚩🚩 को मिटाकर दिखाओ।
क्योंकि #सूरज 🚩🚩में भी #भगवा🚩 🚩है।🚩🚩”

जब हम सहदु संतो की बात करते हे तब हम आधात्मिक रूप देखते हे अग़र हम आधात्मिक रूप से देखे भगवा रंग हम जब देखते हे जब सूर्य उदय होता हे और अस्त होता हे और जो अग्नि होती हे आग उसका कलर भी ये ही होता हे और जो शरीर में चक्रास होती हे उसमे अंत से ऊपर वाला चक्र होता हे वह भी केसरिया रंग का होता हे और ऑरेंज कलर को कलर ऑफ़ ब्लिस भी खा जाता हे मतलब आनद का कलर और केसरिया रंग क्या लाल और पिले रंग का मेल हे और यह मन जाता हे | की ऑरेंज को अपने जीवन में रखने से आपको मेन्टल और फिसिकल सन्ति मिलती हे लाल और पीले रंग का हिन्दू धर्म में क्यों चयन किया गया है, इसका भी कारण है। हमने उपरोक्त बताया कि लाल और पीला मिलकर केसरिया बन जाते हैं। यह केसरिया रंग ही हिन्दू धर्म का प्रमुख रंग माना गया है।

लोग संतो का सम्मान करते हे क्योकि

जब आप यह रंग पहनते हैं तो लोग जान जाते हैं कि यह सन्यासी है। ऐसे में कम से कम वे अपना सिगरेट का डिब्बा खोलकर आपके सामने पेश तो नहीं करेंगे।
हो सकता है कि पिछले 5 सालों से आप धूम्रपान करते रहे हों और अभी आपने यह शपथ लि हो कि आप एक सप्ताह तक धूम्रपान और मदिरा पान नहीं करेंगे। एक सप्ताह आपने धूम्रपान और मदिरा पान नहीं किया। अचानक आपके सामने कोई आपके मनपसंद ब्रांड का सिगरेट ला कर पीने लगा। अब आप खुद को रोक नहीं पा रहे। आपने कश मार लिया। लेकिन जब कोई ये देखेगा कि ओह यह तो सन्यासी है, तो उसे अगर सिगरेट और मदिरा पीना होगा तो कहीं पेड़ की ओट में छिप कर पी लेगा, आपके सामने नहीं पियेगा। दुनिया एक खास तरीके से आपकी मदद करने लगती है और इस मदद की जरूरत भी है।

“अब वो वक्त भी जल्द ही आयेगा जब #राम_मंदिर का निर्माण शुरू होगा,
मुल्लो अब वो वक्त नजदीक है जब तुमको भागना होगा लुटेरो

भगवा 🎪”

कोई व्यक्ति सिर्फ इसी वजह से सर्व-गुण-संपन्न या कहें बुरे काम में लीन नहीं हो सकता कि उसने संन्यास ले लिया है। वह ऐसा बनने की कोशिश कर रहा है, लेकिन वह संपूर्ण नहीं है। उसकी अपनी कमजोरियां हैं, उसकी अपनी समस्याएं भी हैं। तो जब वह एक खास किस्म के वस्त्र पहनता है तो उसके आसपास के लोग उसे समझते हैं और उसकी मदद करते हैं। उन्हें आप से क्या बात करनी है और क्या बात नहीं करनी है, इसे लेकर भी वे थोड़े सावधान रहते हैं, नहीं तो वे आपसे आकर थोड़ी बहुत फिल्मों की बातें कर सकते हैं, संबंधों की बातें कर सकते हैं, आपके पास बैठ कर शराब पी सकते हैं। चूंकि आप एक खास किस्म के वस्त्र पहने हैं, इसलिए उन्हें पता है कि उस तरह की बातें आपसे नहीं करनी हैं। तो इस तरह दुनिया से आपको मदद मिलती है।
एक और बात है और वह यह कि हर चक्र का एक रंग होता है। हमारे शरीर में मौजूद सातों चक्रों का अपना एक अलग रंग है। भगवा या गेरुआ रंग आज्ञा चक्र का रंग है और आज्ञा ज्ञान-प्राप्ति का सूचक है।

शुरू से ही भगवा रंग हिन्दुओ की पहचान रहा हैं, भगवा रंग आज भी हमारे देश में त्याग, बलिदान, वीरता और पराक्रम का प्रतीक हैं, और ऐसा इसलिए हैं क्युकी भगवा ध्वज भारत का ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक ध्वज हैं। प्राचीन काल से लेकर आज तक सभी मंदिरों और आश्रमों में भगवा रंग का ध्वज ही लगाया जाता हैं और तो और इस संसार में हिंदुत्व को लेकर जो कुछ भी प्रमुख रूप से मौजूद हैं उन सभी का रंग भगवा हैं जैसे की अग्नि, सूर्यादय, सूर्यास्त, शिवाजी का ध्वज, कृष्णा और अर्जुन का ध्वज, ऋषि मुनियों की वेश भूषा से लेकर बजरंगबली को अर्पित सिन्दूर का रंग भी भगवा (केसरिया) ही होता हैं, इसी वजह से भगवा रंग प्राचीन काल से ही हिन्दू होने का प्रतीक रहा हैं।

“ना मुझे नाम चाहिये, ना ही मुझे ईनाम चाहिए,
मुझे तो बस भगवा से सजा, पूरा हिन्दुस्तान चाहिये।”

योगी ने जब से अपना घर-परिवार छोड़ा है, तभी से वह मात्र भगवा वस्त्र ही पहनते हैं. वह लगभग 26 वर्षों से भगवा वस्त्र ही पहनते हैं.

अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) ने विश्व कप में जर्सी को लेकर कुछ नियम बनाए थे। इस नियम के अनुसार, आईसीसी इवेंट में खेलते हुए यदि दोनों टीमों की जर्सी का रंग एक जैसा है तो मेजबान टीम कोअपनी जर्सी बरकरार रखनी होती है जबकि विरोधी टीम को अपनी जर्सी बदलनी होगी।

इसलिए 30 जून को हुए मैच में टीम इंडिया की जर्सी बदली गई थी और टीम इंडिया नीली नहीं भगवा जर्सी में मैदान पर उतरी थी। आईसीसी ने बाद में बताया कि टीम की ड्रेस का कलर कॉम्बिनेशन उनकी तरफ से बीसीसीआई को भेजा गया था और उन्हें वहीं कॉम्बिनेशन चुना जो उन्‍हें ठीक लगा।

मोदी जी को भी भगवा रंग बहुत पसंद हे क्यों की भगवा रंग से उन्हें अपने जीवन में मेन्टल और फिसिकल सन्ति मिलती हे इसलिए वह अक्सार किसी बड़े कार्यक्रम या किसी फंक्शन में भगवा रंग में ही दिखाई देते हे

“बड़ें सौभाग्य से मिला है #हिन्दू धर्म….
तो #भगवा🚩 ओढने मेँ कैसी शर्म…
सिर्फ नाम ही काफी है जलन💥 के लिए
🚩🚩#जयश्रीराम🚩🚩”

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