भारत का राष्ट्रिय त्यौहार है गणतंत्र दिवस | जिसे हम हर साल 26 जनवरी को खुशी और उत्साह के साथ मनाते है। इसी दिन 1950 को 10 बजके 18 मिनट पर भारत का संविधान लागू किया गया था।
2020 में भारत अपना 71 वां गणतंत्र दिवस ( Republic Day) मनाएगा ।
हमारे देश में गणतंत्र दिवस समारोह धूमधाम से मनाया जाता है। 26 जनवरी के दिन भारत के राष्ट्रपति राष्ट्रध्वज फहराते हैं और राष्ट्रगान गाया जाता है। वैसे तो गणतंत्र दिवस पूरे देश में ही धूमधाम से मनाया जाता है लेकिन राजधानी दिल्ली में इसकी झांकी देखने लायक होती है। हर साल गणतंत्र दिवस के दिन एक भव्य परेड का आयोजन किया जाता है जो इंडिया गेट से राष्ट्रपति भवन तक होती है। इस परेड के दौरान थलसेना, वायुसेना और नौसेना के जवान शामिल होते हैं। इस परेड के दौरान तीन सेनाओं के प्रमुख राष्ट्रपति को सलामी देते हैं। यही नहीं इस दिन तीन सेनाएं आधुनिक हथियारों का प्रदर्शन भी करती हैं जो राष्ट्रीय शक्ति का प्रतीक है।
January 26 2020 Holiday
साथ ही इस परेड में देश के विभिन्न स्कूलों से आए बच्चे भाग लेते हैं और रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत करते हैं। यही नहीं गणतंत्र दिवस समारोह की एक खास बात यह है कि इस समारोह में पूरी दुनिया के देशों से कोई एक मुख्य अतिथि चुना जाता है जो सम्पूर्ण कार्यक्रम के दौरान वहां मौजूद रहता है। गणतंत्र दिवस समारोह में परेड के दौरान सभी राज्यों की झांकी प्रस्तुत की जाती है।

26 जनवरी पर झांकीया निकली जाती है |
इस झांकी में सभी राज्य अपनी विविधता और संस्कृति की झलक प्रस्तुत करते हैं। यही नहीं इस कार्यक्रम में हर राज्य अपने प्रदेश के लोकगीतों तथा लोकनृत्यों का अद्भुत रूप प्रस्तुत करते हैं। गणतंत्र दिवस समारोह में भाग लेने के लिए और दर्शक दीर्घा में बैठने के लिए देश के कोने-कोने से लोग आते हैं। साथ ही राष्ट्रीय चैनल इस समारोह का सीधा प्रसारण कर पूरे देशवासियों को इस समारोह की झलक दिखाते रहते हैं।
गणतंत्र दिवस समारोह का समापन
जिस तरह गणतंत्र दिवस समारोह का आगाज होता है उसी तरह इसका समापन भी होता है | गणतंत्र दिवस समारोह उत्साह पूर्वक मनाने के बाद समारोह का धूमधाम से समापन किया जाता है जिसे बीटिंग रीट्रीट कहा जाता है। यह समारोह 26 जनवरी के तीसरे दिन अर्थात 29 जनवरी को आयोजित किया जाता है। इस समारोह में तीन सेनाएं भी शामिल होती हैं। यह समारोह राष्ट्रपति भवन के पास मनाया जाता है। इस समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर राष्ट्रपति शामिल होते हैं जिन्हें तीनों सेनाओं के प्रमुख सलामी देते हैं।
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